उज्जैन। चामला नदी ब्रिज से रविवार शाम 7.30 बजे बाइक खड़ी करने के बाद युवक-युवती ने छलांग लगा दी थी। दोनों की तलाश में सर्चिंग शुरू की गई। सात घंटे बाद रात ढाई बजे के लगभग दोनों के शव बाहर निकाले गये। युवक ग्राम बिरगोदा का रहने वाला था और युवती थांदला झाबुआ की निवासी थी।
बड़नगर थाना प्रभारी अशोक कुमार पाटीदार ने बताया कि रविवार शाम बाइक खड़ी कर चामला नदी में युवक-युवती के छलांग लगाने की खबर मिलते ही पुलिस पहुंच गई थी। बाइक के साथ मोबाइल, युवती की चप्पल मिली थी। कुछ देर में युवक के परिजन ग्राम वीरगोदा नाथू से पहुंच गये थे। उन्होने बताया कि बाइक मोबाइल वारिस उर्फ फरदीन पिता इस्लामुद्दीन खान 22 साल की है। परिजन युवती की जानकारी नहीं दे पाये थे। दोनों की तलाश के लिये स्थानीय स्तर की टीमों को लगाया गया। सात घंटे चली तलाश के बाद डेढ़ बजे के लगभग युवक का और ढाई बजे के लगभग युवती का शव बाहर निकाल लिया गया। युवती की पहचान काली पिता भेरूलाल डिंडोर जाति भील 18 साल निवासी ग्राम बागडिया फलिया थांदला झाबुआ के रूप में हुई। परिजनों को रात में ही सूचना दी गई। सोमवार दोपहर युवती के मामा-काका और रिश्तेदार बड़नगर पहुंचे। जिनकी मौजदूगी में पोस्टमार्टम कराया गया। युवती का शव अंतिम संस्कार के लिये झाबुआ ले जाया गया है।
मामा के घर जाने के लिये निकली थी युवती
एएसआई सुनील देवके ने बताया कि युवती के परिजनों से जानकारी लेने पर सामने आया कि पिता का कोराना में निधन हो गया था। मां छोड़कर जा चुकी है। काली अपने काका के साथ रहती थी। 3 दिन पहले मामा के घर पेटलावद जाने का बोलकर निकली थी। उन्हे लगा कि मामा के घर गई हुई है। परिजनों ने बताया कि काली डिंडोर की सगाई की जा चुकी थी, वह बड़नगर कैसे पहुंची इसका पता नहीं है।
वारिस के घर आये थे युवती के परिजन
बताया यह भी जा रहा है कि युवती पूर्व में भी बड़नगर आई थी और वारिस उर्फ फरदीन के पास पहुंची थी। मामला प्रेम प्रसंग था, लेकिन उस वक्त युवती के परिजनों को पता चल गया था और बड़नगर आये थे। युवती को अपने साथ लेकर चले गये थे। उसके बाद मामला शांत हो गया था। लेकिन रविवार को दोबारा युवती बड़नगर आ गई थी। युवती और वारिस ने जान देने का कदम क्यो उठाया, इसकी जांच पुलिस कर रही है।
